फिर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया पर हमला
निज संवाददाता (crime report)
एक बार फिर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया पर हमला हो रहा है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया प्रतिनिधियों पर बार-बार हमला क्यों किया जा रहा है? इसे लेकर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं, वह भी इस बीजेपी काल में। अभी दो-तीन दिन पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने स्पष्ट किया था कि मीडिया की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर राज्य सरकार का कर्तव्य है। इस अर्थ में उन्होंने पश्चिम बंगाल को सूचनाओं के साथ एक प्रकार की रूई भी दी।
मीडिया प्रतिनिधि का काम घटना के माहौल को जनता के सामने कैद करना है। समाचार मीडिया के प्रतिनिधि और पत्रकार कहाँ, कब, क्यों, क्या हो रहा है, घटनाओं को उजागर करके अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। इसकी वजह से कई पत्रकारों की आंखें चली गईं। पत्रकारों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोका जाता है, पत्रकारों को धमकाया जाता है, और यहां तक कि अपने कर्तव्यों का पालन करते समय उन्हें परेशान किया जाता है और खून-खराबा भी किया जाता है। भ्रष्ट और नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले बाहुबली-प्रधान समाज का एक वर्ग, वे बार-बार पत्रकारों को धमकी दे रहे हैं और उन पर हमला कर रहे हैं ताकि वे इस घटना को जनता के सामने उजागर न कर सकें।
शनिवार की दोपहर बिलोनिया के एक पत्रकार पर फिर बदमाशों ने हमला कर दिया। बदमाशों ने उनका मोबाइल फोन तोड़ दिया, सोने के हार लूट लिए। न केवल पत्रकार, बल्कि पैदल चलने वालों, पुरुषों महिलाओं और बच्चों सहित मोटर चालकों पर भी हमले आयोजित करने के गंभीर आरोप रहे हैं। राहगीरों की ओर से बिलोनिया महिला थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है, इसी तरह पत्रकारों की ओर से भी शनिवार रात शांतिर बाजार थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है।
बताया गया है कि पैखला इलाके के लक्षण पाल, राजेश पाल, अपन पाल समेत कुछ अन्य लोगों ने पैखला के अमतली इलाके में तांडव मचाना शुरू कर दिया। अफवाह है कि वे सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी के रामबली के साथ रातों-रात एक बार फिर प्रभावशाली हो गए हैं। इलाके में उनके उत्पात की भी अफवाहें हैं। विभिन्न सूत्रों के अनुसार स्थानीय निवासी बदमाशों से तंग आ चुके हैं।
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