जलपरी को लेकर फूटपाथ दखली के विरुद्ध एसडीएम ने ली कड़ी कार्रवाई

उत्तम सिन्हा की रिपोर्ट

मछली बिकेगी, खरीददार खरीदेंगे और इसे घर ले जाकर स्वादिष्ट व्यंजनों से भरपेट खाकर 'बीबी नम्बर वन' की लाजवाब कुकिंग की सराहना करेंगे। सुन्दर एवं उत्कृष्ट शब्द हैं यह मछली नदी चैनल नहर बिल या कहां से है, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है क्या? खरीदेंगे और खाएंगे।

लेकिन क्या यह स्वीकार किया जा सकता है कि सार्वजनिक स्थान कब्ज़ा करके मछली बेचने वाले चोरी-छिपे अपना कारोबार करेंगे, ख़रीदार वहाँ जाकर भीड़ लगाएँगे और सड़क पर चलने वाले लोग या बूढ़े चलते समय अपनी छाती पीटेंगे डिजिटाॅल युग हैं मेरे भाई एक क्लिक में शिकायत कैलाशहर के महकमा शासक प्रदीप सरकार के पास पहुंच गई एसडीएम ने पैनी नजर रखी हाय राम! यह तो सही है। कैलाशहर के पश्चिमी बाजार की हालत खराब है दीदार जलपरी व्यवसाय एक समय में सड़क पर कब्जा कर रहा है गुप्त रूप से आठ सदस्यों की एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व त्रिपुरा सिविल सेवा संक्षिप्त टीसीएस अधिकारी और अतिरिक्त महकमा शासक नव कुमार जमातिया ने किया जिलाधिकारी एवं एस.डी.पी.ओ. को जानकारी दी गई निष्कासन अभियान बुधवार, 3 जनवरी को शाम 5:30 बजे, कैलाशहर के पश्चिमी बाज़ार में चलाया गया।

खरीदारों और विक्रेताओं के बीच जलपरी की सौदेबाजी चल रही हथी। जलपरी के नाम से जानी जाने वाली मछलियों ने सोचा होगा कि छापा मारने वाली पार्टी उन्हें बचा लेगी और पास की मनु नदी या कटल ककचन या काली दिघी में छोड़ देगी। नहीं प्रिये! तुम्हारे भाग्य में तो खरीददार का पेट लिखा है। सीधे घरवाली द्वारा वध किया जाना, गर्मागरम तेल के साथ आलू प्याज धनिया जीरा आदि के साथ फुटबॉल खेलते खेलते सीधा पेट में। अगले दिन यह स्पष्ट नहीं कि कौन कहाँ जायेगा।

टीम समय पर पहुंची, निकासी अभियान जारी रहा. फुटपाथ खाली की गई। भीड़भाड़ वाले वेस्ट मार्केट ने राहत की सांस ली। कहते हैं न--"राहत की लम्बी सांस ली". Heaved a sigh of relief



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